Diksha Thakur

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लेखनी प्रतियोगिता -13-Jul-2022

आंगन 

सबसे प्यारा है मेरा आंगन, 
सबसे न्यारा है मेरा आंगन। 

रंग-बिरंगे फूल लगाती हूँ अपने आंगन में, 
कुछ फलदार पेड़ भी लगाती हूँ अपने आंगन में। 

यह फल-फूल बढ़ाते है शोभा मेरे आंगन की, 
यही फूल बढ़ाते हैं खुशबू मेरे आंगन की। 

सूर्य की किरणें पड़ने से ,
फूल खिलते हैं ऐसे।

ऐसा लगता है कि मानो ,
हमारे जीवन में बहार ही आ गई हो जैसे। 

मन करता है आंगन में बैठकर, 
बस उन्हीं फूलों को देखती रहूं। 

और अपने मन में 
शांति का अनुभव करती रहूं। 

दीक्षा ठाकुर✍✍✍

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10 Comments

Rahman

14-Jul-2022 10:24 PM

Nyc

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नंदिता राय

14-Jul-2022 10:15 PM

बहुत खूब

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Chudhary

14-Jul-2022 10:01 PM

Nice

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